कोरबा. देश में जब से टमाटर के भाव बढ़े हैं तब से आम जनता को उसकी सही कीमत समझ आ रही है. कभी सब्जियों की टोकरी में पड़ा रहने वाला टमाटर आज मिठाई की दुकान तक पहुंच गया है. टमाटर को सड़ने से बचाने के लिए दुकानदार अब उसे अपनी फ्रिज के बगल में मिठाइयों के साथ रख रहे हैं.एक कहावत तो आपने जरुर सुनी होगी कि हर किसी का समय आता है. यह कहावत आज के दौर में टमाटर पर बिल्कुल फिट बैठती है. एक समय था जब टमाटर दो से तीन रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा था. तब लोगों को इसकी कद्र नहीं थी. आलम यह था कि किसान उसे सड़क पर फेंक दिया करते थे, लेकिन आज टमाटर के हालात पूरी तरह से बदल गए हैं और उसकी कीमत हर किसी के पहुंच तक नहीं है.