छत्तीसगढ़ में कई विभागों में फर्जी तरीके से दिव्यांग सर्टिफिकेट हासिल कर सरकारी नौकरी करने का मामला सामने आया है। दिव्यांग सेवा संघ ने ऐसे लोगों के खिलाफ अब मोर्चा खोल दिया है। संघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश भर में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे 78 लोगों की सूची बिलासपुर सिविल लाइन पुलिस को सौंपी है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में दिव्यांग कोटे में फर्जी सर्टिफिकेट बनाने और नौकरी करने वालों का गिरोह चल रहा है, जिसके कारण वास्तविक दिव्यांगों को कोटे में नौकरी नहीं मिल रही है। उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी हासिल किया है, जिसके माध्यम से पता चला है कि कई विभागों में फर्जी सर्टिफिकेटधारी दिव्यांग सरकारी विभाग में अधिकारी और कर्मचारी बनकर सेवा दे रहे हैं।

संघ ने पुलिस को प्रदेश भर में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट पर सरकारी नौकरी करने वालों की सूची भी दी है।
संघ ने पुलिस को प्रदेश भर में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट पर सरकारी नौकरी करने वालों की सूची भी दी है।

78 अधिकारी-कर्मचारियों की सौंपी सूची
रविवार को सिविल लाइन थाना पहुंचे संघ के पदाधिकारी और सदस्य फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से सरकारी नौकरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की सूची भी रखे थे, जिसमें ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के साथ ही शिक्षकों के नाम शामिल हैं। लिस्ट में कई जिलों के 78 अधिकारी-कर्मचारियों का नाम है।

संघ की बैठक में एफआईआर कराने का लिया फैसला
संघ के पदाधिकारी और सदस्यों ने इससे पहले सरकंडा में बैठक बुलाई थी, जिसमें तय किया गया कि गलत तरीके से फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट हासिल कर सरकारी नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया गया, जिसके बाद शिकायत करने सभी सिविल लाइन थाना पहुंचे। संघ के उपाध्यक्ष राधाकृष्ण गोपाल ने बताया कि पूर्व में ये लोग किसी भी प्रकार के दिव्यांग न थे, न अभी हैं। क्योंकि संघ के कई सदस्य इनके साथ पढ़ाई किए हैं। सभी लोग गलत तरीके से प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी कर रहे हैं, जिससे वास्तविक दिव्यांगजनों के अधिकार का हनन हो रहा है। इसलिए इन सभी का राज्य मेडिकल बोर्ड संचालनालय चिकित्सा शिक्षा नया रायपुर से उनके दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण किया जाए, औए RPWD act 2016 की धारा 91 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाए।

संघ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।