कोरबा। गुरुवार को हाजी अखलाख खान ने प्रेस वार्ता आयोजित कर मरकजी सीरत कमेटी की कार्रकारिणी को भंग किए जाने का बयान दिया था। जिस पर मरकजी सीरत कमेटी के सदर मिर्जा आसिफ बेग ने भी आरोपों को लेकर शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में अपनी बात रखी।
मिर्जा आफिस बेग ने कहा कि उनके द्वारा पिछले कार्यकालों में कमेटी द्वारा किए गए कार्यों का व्यौरा समाज के लोगों के मध्य रखते हुए सारा हिसाब किताब चस्पा किया जा चुका है। हाजी अखलाख खान द्वारा हिसाब किताब चस्पा होने के बाद भी ऐसे आरोप लगाना समाज के बीच में भ्रम पैदा करना व बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि मरकजी सीरत कमेटी की बैठक की जानकारी हाजी अखलाख खान को दी गई थी। उक्त बैठक के आयोजन का ऐलान स्वयं जामा मस्जिद में हाजी अखलाख खान के द्वारा किया गया था।
मिर्जा बेग ने कहा कि उनके द्वारा स्वयं शहर के अन्य मस्जिदों में ऐलान कराया गया था ताकि समाज के बीच होने वाली महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी समाज के लोगों को मिल सके। उन्हें विभिन्न आरोप लगाते हुए अध्यक्ष पद से हटाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। जिस पर समाज के लोगों ने इस कृत्य पर रोष भी व्यक्त किया था। जिसके बाद अखलाख खान बैठक से चले गए थे। उन्होंने कहा कि सीरत कमेटी समाज की कमेटी है जो समाज के धार्मिक आयोजनों व धार्मिक कार्यों का निवर्हन करती है। विभिन्न कार्यक्रमों में शहर को सजाया जाता है, रैलियां निकाली जाती है, समाज के कार्यों में जो खर्च आता है उस खर्च का वहन समाज के छोटे छोटे चंदों से किया जाता है। जिसका हिसाब प्रतिवर्ष
सार्वजनिक बैठक कर समाज के लोगों को दी जाती है। उन्होंने कहा कि हाजी अखलाख खान के चंदा न दिए जाने की बात को आवाम ने नकार दिया है। कमेटी भंग किए जाने की भ्रामक जानकारी दी जा रही है। जबकि उनके कार्यकाल के कार्यों की प्रशंसा आवाम के लोग कर रहे हैं। हाजी अखलाख खान के बैठक से चले जाने के बाद मेमन जमात ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें यह फैसला लिया गया कि ईद मिलादुन्नबी सभी मस्जिदों के इमाम व मेमन जमात की सरपरस्ती में की जाएगी। इस पर विभिन्न कमेटी ने अपना समर्थन भी दिया है। प्रेसवार्ता में आरिफ खान, मेमन जमात अध्यक्ष फारूख मेमन सहित मरकजी सीरत कमेटी के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।