अविनाश कर्ष। कोरबा में मेडिकल कॉलेज के स्वास्थकर्मियो की लापरवाही के कारण एक बार एक घर का चिराग बुझ गया। इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे मरीज को मेडिकल स्टाफ ने भर्ती करने से इंकार कर दिया। विश्वकर्मा पूजा के मौके पर डॉक्टरों की छुट्टी होने की दलील देते हुए मरीज को चलता कर दिया। सही टाइम में इलाज नहीं मिलने से एक दिन बाद युवक को मौत हो गई। लाचार पिता ने अस्पताल के कर्मचारियों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है।
गोढ़ी गांव में रहने वाले सुरतुराम ने अपने 21 वर्षीय पुत्र विश्वनाथ की तबियत अचानक बिगड़ गई। उसके हाथ पैर में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। रविवार को शाम के वक्त सुरतु राम ने अपने बेटे की इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचा। आरोप है कि उसका इलाज करने के बजाए हॉस्पिटल स्टॉफ ने ये कहकर उन्हें चलता कर दिया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नही है। आरोप है कि अस्पताल में मौजूद नर्शों ने भर्ती करने साफ इंकार कर दिया। हॉस्पिटल स्टॉफ द्वारा दुर्व्यवहार करने से आहत पिता अपने पुत्र को लेकर घर लौट गया। इलाज नहीं मिलने पर विश्वनाथ की हालत और बिगड़ गई। दूसरे दिन अस्पताल लेकर पहुंचा जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पिता का कहना है कि एक दिन पूर्व अगर उसे इलाज मिला होता तो शायद आज वह जिंदा होता। उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है