सक्त़ी प्रभात सिदार। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के एजीपी ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार 20.6.2022 को ग्राम केकराभाठ चौकी फगुरम थाना डभरा निवासी हीराबाई ने चौकी फगुरम में सूचना दी कि उसका लड़का वेदप्रकाश राणा अपनी पत्नी के चरित्र पर शंका करता है, उसको शक है कि उसकी मौसी अर्थात प्रार्थी की बहन नानकुनबाई उसका सहयोग करती है इसी बात को लेकर वेदप्रकाश दिनांक 19 .6 .2020 को अपनी पत्नी से लड़ाई झगड़ा किया तथा पत्नी को नहीं रखूंगा बोला जिस पर प्रार्थी एवं उसकी बहन ननकुनबाई आरोपी की पत्नी डोलावती को गांव के ही पूर्व सरपंच सुरेंद्र कुमार राणा के घर पहुंचा दिए थे। दिनांक 20 .6. 2020 को सुबह लगभग 5:30 बजे जब वह तथा वेद प्रकाश राणा घर में थे उसी समय नानकुन बाई उनके घर आई और वेद प्रकाश को अपनी पत्नी से झगड़ा ना करने के संबंध में समझा रही थी तभी आरोपी वेदप्रकाश तुम कौन होती हो मुझे समझाने वाली, तू ही मेरी पत्नी को गलत काम करने में मदद करती हो आज तुम्हें जान से मार दूंगा कहते हुए गाली-गलौच किया और कमरे के अंदर से धारदार तलवार लाकर अपने मौसी ननकुनबाई के गले में प्राण घातक वार कर दिया जिससे नानकून बाई लहू लुहान होकर गिर गई तथा उसकी मौत हो गई। प्रार्थिया के उक्त रिपोर्ट के आधार पर चौकी फगुरम में मर्ग रिपोर्ट दर्ज किया गया। जांच प्रारंभ किया गया, गवाहों का बयान लिया गया, तथा थाना डभरा में आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 256/20 धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखा गया। मृतका के लाश का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर उसका मेमोरेंडम कथन लिया गया तथा आरोपी से एक तलवार नुमा हथियार एवं खून लगा कपड़ा जप्त किया गया जप्तशुदा तलवार की जांच करवाई गई, संपूर्ण जांच के पश्चात न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी डभरा में चालान पेश किया गया जो केस द्वितीय अपर सत्र न्यायालय शक्ति में चला। शासन की ओर से कुल 17 गवाहों को पेश कर बताया गया कि वेदप्रकाश राणा के द्वारा ही अपनी मौसी मां की तलवार मार कर क्रूरता पूर्वक हत्या किया गया है इसलिए आरोपी को कड़ी से कड़ी दंड से दंडित किए जाने का निवेदन किया गया। आरोपी की ओर से अपने बचाव में दो गवाह पेश कर बताया गया कि आरोपी ने हत्या नहीं किया है वह निर्दोष है उसे झूठे रूप से इस केस में फसाया गया है। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात विद्वान द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने दिनांक 8.9. 2023 को निर्णय देते हुए आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 302 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 5000 रु. के अर्थदण्ड से दंडित किया है। छ.ग. शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता/अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे ने पैरवी किया।*